संजय प्रधान ता. हिंगणा (नागपूर) प्रतिनिधी :
तुम्हाला माहिती आहे का ? अफ्रीका मध्ये एक नवीन महासागर बनत आहे. ही प्रक्रिया इथियोपिया मध्ये 2005 मध्ये बनलेल्या 35 मील लंब्या भेगे पासून सुरू झाली होती. ही भेग तेव्हापासून निरंतर वाढत आहे.आणि याचे कारण तीन टेक्टोनिक प्लेटांचा एकमेकांपासून दूर घसरणे आहे.
मानलं जात आहे की, अफ्रीका चा हा नवा महासागर बनायला कमीत कमी 50 लाख ते 1 करोड़ वर्षे लागतील, परंतु अफार क्षेत्र ची अनोखी स्थिति — जिथे नुबियन, सोमाली आणि अरेबियन प्लेट मिळतात — या सर्व जटिल भूगर्भीय प्रक्रियांना समजण्यासाठी एक अनोखी प्रयोगशाळा बनवून देते.
पाहिले तर आता पण खूप मोठे प्रश्न आहेत, जसे की हा
महाद्वीप का बरं फाटत आहे. काही वैज्ञानिकांचे म्हणणे आहे की, पूर्व अफ्रीकेच्या खाली पृथ्वी च्या मेंटल पासून उठत असलेली अत्यधिक गर्म विशाल दगडांची एक विशाल धारा ह्या महाद्वीपीय भेगांचे कारण होऊ शकते.
अफार क्षेत्र मध्ये प्रत्येक प्लेट ची सीमा वेगवेगळ्या गतिने पसरत आहे, परंतु ह्या सर्व ताकतींच्या मिलन ने एक मिड-ओशन रिज प्रणाली बनत आहे, जिथे शेवटी एक नवीन महासागर आकार घेईल.
तिन्ही प्लेट वेग वेगळ्या गतीने सरकत आहेत. अरेबियन प्लेट अफ्रीका पासून जवळपास 1 इंच प्रति वर्ष च्या दराने दूर जात आहे, तर नुबियन आणि सोमाली — दोन्ही अफ्रीकी प्लेट — या पेक्षा ही धीम्या गतीने, जवळपास अर्धा इंच ते 0.2 इंच प्रति वर्ष च्या दराने वेगळी होत आहे.
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अफ्रीका में एक नया महासागर बन रहा है
संजय प्रधान ता. हिंगणा (नागपूर) प्रतिनिधी :
क्या आप जाणते है ? अफ्रीका में एक नया महासागर बन रहा हैI यह प्रक्रिया इथियोपिया में 2005 में खुली 35 मील लंबी दरार से शुरू हुई थी।
यह दरार तब से लगातार फैल रही है, और इसका कारण तीन टेक्टोनिक प्लेटों का एक-दूसरे से दूर खिसकना है।
माना जाता है कि अफ्रीका का यह नया महासागर बनने में कम से कम 50 लाख से 1 करोड़ साल लगेंगे, लेकिन अफार क्षेत्र की अनोखी स्थिति — जहाँ नुबियन, सोमाली और अरबियन प्लेटें मिलती हैं — इसे जटिल भूगर्भीय प्रक्रियाओं को समझने के लिए एक अनोखी प्रयोगशाला बना देती है।
हालांकि अभी भी कई बड़े सवाल हैं, जैसे कि यह महाद्वीप क्यों फट रहा है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि पूर्वी अफ्रीका के नीचे पृथ्वी की मेंटल से उठती अत्यधिक गर्म चट्टानों की एक विशाल धारा इस महाद्वीपीय दरार का कारण हो सकती है।
अफार क्षेत्र में प्रत्येक प्लेट की सीमा अलग-अलग गति से फैल रही है, लेकिन इन सभी ताकतों के मिलन से एक मिड-ओशन रिज प्रणाली बन रही है, जहाँ अंततः एक नया महासागर आकार लेगा।
तीनों प्लेटें अलग-अलग गति से खिसक रही हैं। अरबियन प्लेट अफ्रीका से लगभग 1 इंच प्रति वर्ष की दर से दूर जा रही है, जबकि नुबियन और सोमाली — दोनों अफ्रीकी प्लेटें — इससे भी धीमी गति से, लगभग आधा इंच से 0.2 इंच प्रति वर्ष की दर से अलग हो रही हैं।
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