होली : सौहार्द, सद्भाव और एकता का रंग..
रंगों की खुशबू बिखरी है, आई फिर से होली,
सौहार्द की डोरी बाँध रही है, आई फिर से रंगोली।
ना कोई ऊंचा, ना कोई नीचा, सब रंगों में घुल जाएँ,
सभी मिलकर गले लग जाए, दिल में सद्भाव जगाएं।
लाल रंग प्रेम प्रतीक सिखाता, पीला खुशहाली लाए,
हरा हरियाली, खुशहाली का संदेश दे, नीला सपने सजाए।
सभी संप्रदाय साथ हो, दिल में भाई चारा हो,
नफरत का अंधेरा मिटे, सद्भाव का उजियारा हो।
होली , दिवाली, ईद त्योहार, सद्भाव के सुर में सब मनाएं,
रंग, जाति, भाषा, धर्म से ऊपर उठ, मानवता का रंग चढ़ाएँ।
असलम शेख रत्नागिरी…
Discussion about this post